पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश, 10 दिन में होगी दुष्कर्मियों को फांसी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को ममता सरकार में कानून मंत्री मोलॉय घटक ने एंटी रेप बिल पेश किया। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 नाम दिया है।
बता दें विधेयक का मसौदा सोमवार को प्रत्येक विधायक को दिया गया था. वहीं, विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी बिल पेश होने से पहले संशोधन के साथ कई प्रस्ताव पेश किए हैं। उसके आधार पर स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत संशोधनों पर भी चर्चा की जाएगी.
गौरतलब है कि भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित कानून शामिल हैं. पश्चिम बंगाल सरकार इसमें कुछ संशोधन करने जा रही है. केवल पश्चिम बंगाल के मामले में त्वरित सुनवाई के लिए कुछ धाराएं जोड़ी जा रही हैं. महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने पर जोर देने के लिए कानून में संशोधन किया जा रहा है. इसलिए नये बिल में कई नियम जोड़े जा रहे हैं.
दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव
विधेयक के मसौदे में दुष्कर्म पीड़िता की मौत होने या उसके स्थायी रूप से अचेत अवस्था में चले जाने की सूरत में ऐसे दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है. इसके अतिरिक्त, मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि दुष्कर्म और सामूहिक बलात्कार के दोषी व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाए. कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले महीने एक चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद सोमवार को विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया.

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