रूस-यूक्रेन युद्ध अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। अलास्का में हुई अहम बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा कि अगर यूक्रेन डोनेस्क और लुहांस्क को रूस की टेरिटरी मान ले तो युद्ध समाप्त हो सकता है। पुतिन ने वादा किया कि इसके बाद रूस खेरसॉन और जॉपरिजिया से अपनी सेनाएं पीछे हटा लेगा।
हैरानी की बात यह रही कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की इस डिमांड का समर्थन किया और कहा कि नाटो देशों को भी इस पर विचार करना चाहिए ताकि युद्ध को खत्म किया जा सके।
अमेरिका देगा NATO जैसी सुरक्षा
अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि अलास्का शिखर वार्ता में पुतिन पहली बार यूक्रेन को NATO जैसी सुरक्षा गारंटी देने पर सहमत हुए। यह गारंटी नाटो की सामूहिक रक्षा प्रतिबद्धता (Article 5) जैसी होगी। अमेरिका और यूरोपीय देश इस व्यवस्था के तहत यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करेंगे।
जेलेंस्की का साफ इनकार
हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कर दिया कि उनका देश किसी कीमत पर अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। ब्रसेल्स में यूरोपीय नेताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा—
“अगर आज हम अपने दो इलाके छोड़ दें तो कल रूस और आगे बढ़ेगा। यह शांति समझौता नहीं बल्कि रूस का जाल है।”
24 घंटे में रूस का बड़ा कब्जा
इसी बीच रूस ने मोर्चे पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनटेस्क में रूसी सेना ने मात्र 24 घंटे में 110 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। यह 2025 की सबसे बड़ी सैन्य बढ़त मानी जा रही है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर ट्रंप और जेलेंस्की की होने वाली मुलाकात पर है। इसमें यूरोपीय नेता भी शामिल होंगे और क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और आर्थिक-सैन्य सहयोग के नए विकल्पों पर चर्चा होगी। सवाल यही है कि क्या यह वार्ता रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर पाएगी या हालात और बिगड़ेंगे।