लोकसभा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है. आंकड़ें देने से पहले लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.
उन्होंने कहा महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले. हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?
अखिलेश ने कहा, “जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव मोर्चरी और अस्पताल में पड़े हैं, तब सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर उन पर पुष्प वर्षा की. यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया. कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया. सब कुछ छिपाने के लिए ऐसा सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा खिलाया जा रहा है, ताकि उनकी खबर बाहर न आए.
