अहमदाबाद से लंदन के लिए 12 जून को उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें एक यात्री को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी. इस गंभीर हादसे को लेकर दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और जांच एजेंसियों से जवाब मांगा है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.के. सिंह की बेंच ने डीजी सिविल एविएशन (DGCA) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या हादसे की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है. याचिका सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन नामक एनजीओ द्वारा दायर की गई है, जो देश में एविएशन सेफ्टी के क्षेत्र में कार्यरत है.
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से हादसे से जुड़ी पूरी जांच सामग्री—जैसे रिकॉर्डेड फॉल्ट मैसेज, टेक्निकल रिपोर्ट्स और FDR (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) डेटा—को सार्वजनिक करने की मांग की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर आपत्ति जताई और कहा कि जांच पूरी होने तक गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है. जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि अगर जांच के दौरान किसी पायलट को जिम्मेदार ठहरा दिया गया, तो उसके परिवार पर असर पड़ेगा. इसलिए, जांच निष्पक्ष, स्वतंत्र और समयबद्ध होनी चाहिए, लेकिन जानकारी का लीक होना उचित नहीं. कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को नोटिस भेजते हुए अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है.
