भारत-चीन सीमा पर सहमति: अरुणाचल के यांग्त्से में फिर से होगी पेट्रोलिंग

भारत और चीन ने अपनी विवादित सीमा, जिसे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) कहा जाता है, पर कुछ क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। यह सीमा 3488 किलोमीटर लंबी है और लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है, जिसमें कई हिस्सों पर दोनों देशों के अलग-अलग दावे हैं।

हालिया जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया है कि अब यांग्त्से क्षेत्र में भी पेट्रोलिंग की अनुमति दी जाएगी। इस समझौते के तहत, चीनी सैनिकों को भी गश्त करने की अनुमति दी जाएगी, और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच आवाजाही को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा।

यांग्त्से क्षेत्र, जो तवांग के निकट है, दोनों देशों के बीच एक प्रमुख विवादित क्षेत्र रहा है। यहां चीनी पीएलए की गश्त अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक होती है, और इस क्षेत्र में अक्सर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें होती रही हैं। विशेष रूप से, 9 दिसंबर, 2022 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई थी, जिसमें चीनी सैनिकों को गंभीर चोटें आई थीं।

इसके अलावा, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। समझौते के तहत, डेमचोक और देपसांग में सैनिकों को 28-29 अक्टूबर तक पूरी तरह से पीछे हटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद पेट्रोलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। यह स्थिति जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद की पहली महत्वपूर्ण सहमति है।