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ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ी डिमांड, कई देश कतार में

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK स्थित नौ आतंकी संगठनों को निशाना बनाया था. इस दौरान वायु सेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया. जिसके बाद से इंटरनेशनल मार्केट में ब्रह्मोस मिसाइल की डिमांड बढ़ गई है. इन सुपरसोनिक मिसाइलों की सटीकता, गति और तबाही ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब विश्व स्तरीय हथियारों का सिर्फ खरीदार नहीं है, बल्कि इसका निर्माता भी बन गया है.

इसका नतीजा ये हैं कि अब सऊदी अरब, यूएई, कतर, ओमान, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और मिस्र जैसे देशों ने भारत से हथियार खरीदने में रुचि दिखाई है. खासतौर पर ब्रह्मोस मिसाइल की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो भारत-रूस की संयुक्त प्रोजेक्ट है.

बता दें कि इस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत इसकी रफ्तार है. Mach 2.8 से Mach 3 तक, यानी यह आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज है. इसका मतलब है कि दुश्मन को रिएक्शन का मौका भी नहीं मिलता. हाल ही में यूपी के राजधानी लखनऊ में भी ब्रह्मोस की यूनिट स्थापित की गई है.

भारत ने 19 अप्रैल 2024 को फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलें दीं. जनवरी 2022 में दोनों देशों ने 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए, जिसने ब्रह्मोस और अन्य रक्षा सहयोग पर सरकार-से-सरकार डील का मार्ग प्रशस्त किया. फिलीपींस के बाद भारत ने वियतनाम को भी अपनी सेना और नौसेना बलों के लिए घातक सुपरसोनिक मिसाइल खरीदने के लिए नई दिल्ली के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

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