पंजाब सरकार ने मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के गंभीर दुष्प्रभावों के कारण हुई 14 बच्चों की मौत के बाद इस कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया है. पंजाब के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा कि यह सिरप मध्य प्रदेश की सरकारी प्रयोगशाला द्वारा गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा है. इसी कारण इसे पंजाब में जनहित में पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है और औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे छिंदवाड़ा के श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित सिरप के नमूने सरकारी व निजी संस्थानों से एकत्र करें. इसके अलावा, बिक्री, आयात और निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है. केरल सरकार ने बाल चिकित्सा कफ सिरप के प्रबंधन के लिए समिति बनाई है और फार्मेसियों को निर्देश दिए हैं कि वे डॉक्टर के पर्चे के बिना बच्चों को दवाएं न बेचें. केरल मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने भी सरकारी अस्पतालों को यह सिरप उपलब्ध कराना बंद कर दिया है.
तमिलनाडु, उत्तराखंड, राजस्थान और तेलंगाना ने भी कोल्ड्रिफ सिरप पर एडवाइजरी जारी कर इसे प्रतिबंधित किया है. मध्य प्रदेश प्रशासन ने दो अन्य कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा बढ़ी होने की पुष्टि की है और उन पर भी प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकारें दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रही हैं, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों.


