हिमाचल बना देश का पूर्ण साक्षर राज्य, शिक्षा में रचा इतिहास

हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा की कि हिमाचल अब पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है. इस सफलता के पीछे सरकारों की दूरदर्शी सोच, शिक्षकों की मेहनत और लोगों की जागरूकता का बड़ा योगदान है.

1948 में हिमाचल में केवल कुछ ही स्कूल थे, लेकिन आज यहां 17,330 से अधिक शैक्षणिक संस्थान हैं. इनमें प्राथमिक से लेकर कॉलेज और विशेष प्रशिक्षण केंद्र भी शामिल हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए खासकर कक्षा 1 से 8 तक पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया.

हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया. राज्य ने मिड डे मील योजना में भी नवाचार किया और बच्चों को दूध, अंडा और फल देना शुरू किया. स्कूलों में किचन गार्डन भी बनाए गए ताकि बच्चे पौष्टिक आहार को समझें.

वर्ष 2024-25 में राज्य ने 3397 स्कूल से वंचित बच्चों की पहचान की, जिनमें से अधिकांश को फिर से शिक्षा से जोड़ा गया। साथ ही, “उल्लास” अभियान के तहत एक लाख निरक्षर लोगों को पढ़ाने का काम शुरू हुआ, जिसमें अब तक 42,578 लोग परीक्षा पास कर चुके हैं. इन तमाम प्रयासों की बदौलत हिमाचल ने केंद्र सरकार के पूर्ण साक्षरता के मानकों को पूरा कर देश में एक मिसाल कायम की है.

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