भारत ने अमेरिका की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए सितंबर में रूसी तेल की खरीद 10–20% तक बढ़ाने का फैसला किया है. यह जानकारी रायटर्स की एक रिपोर्ट में सामने आई है. अमेरिका और यूरोप के प्रतिबंधों के बाद रूस के पास अतिरिक्त कच्चा तेल बच गया है, जिसे वह भारत जैसे बड़े खरीदार को छूट के साथ बेच रहा है. रूसी उरल्स क्रूड पर इस बार 2-3 डॉलर प्रति बैरल की छूट मिल रही है, जो अगस्त में 1.5 डॉलर थी. भारत पहले ही रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाला देश बन चुका है और अब यह डील भारत के लिए और फायदेमंद हो गई है.
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया. उनका आरोप है कि भारत रूसी तेल से मुनाफा कमा रहा है और अप्रत्यक्ष रूप से रूस की जंग को समर्थन दे रहा है. इस पर भारत का साफ जवाब है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देता है. जब अमेरिका और यूरोप अब भी रूस से सामान खरीद रहे हैं, तो भारत को रोकना दोगलापन है. विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल भारत को सस्ते तेल का पूरा लाभ मिलेगा.
