गगनयान मिशन: इसरो ने पैराशूट प्रणाली का सफल परीक्षण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन की तैयारियों में एक और अहम सफलता हासिल की है. हाल ही में इसरो ने पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस परीक्षण का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित पृथ्वी वापसी सुनिश्चित करने वाली तकनीक की पुष्टि करना था. यह परीक्षण भारतीय वायु सेना, DRDO, नौसेना और तटरक्षक बल के सहयोग से किया गया, जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है. इसरो ने इस उपलब्धि की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी.

गगनयान की पहली मानवरहित उड़ान दिसंबर 2025 में प्रस्तावित है, जिसमें ‘व्योममित्र’ नामक एक ह्यूमनॉइड रोबोट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह मिशन भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए डेटा जुटाएगा. इसरो प्रमुख वी. नारायणन के अनुसार, अब तक लगभग 80% यानी 7,700 से अधिक परीक्षण पूरे हो चुके हैं. शेष परीक्षण मार्च 2026 तक पूरे करने का लक्ष्य है.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी लोकसभा में बताया कि गगनयान मिशन के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी जैसे क्रू मॉड्यूल, प्रोपल्शन सिस्टम, लाइफ सपोर्ट सिस्टम और क्रू एस्केप सिस्टम पर काम लगभग पूरा हो चुका है. पैराशूट प्रणाली अंतरिक्षयान की रफ्तार को सुरक्षित रूप से कम करने का काम करती है, ताकि यान और उसमें सवार यात्री धरती पर सही सलामत लौट सकें.

error: Content is protected !!