राजस्थान में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच मतभेद सामने आ गए हैं. सरकार “वन नेशन, वन इलेक्शन” की योजना के तहत दिसंबर 2025 में चुनाव कराना चाहती है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि जिन निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 2026 तक है, उन्हें समय से पहले भंग कर चुनाव नहीं कराए जा सकते. चुनाव आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए हाई कोर्ट के पिछले आदेशों का हवाला दिया है. इस मामले में अब भजनलाल शर्मा सरकार की याचिका पर 25 अगस्त को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.
गौरतलब है कि राज्य की करीब 11,310 ग्राम पंचायतों और 125 नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन पिछले एक साल से चुनाव नहीं कराए गए। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने इस देरी को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी बताया है. हाई कोर्ट ने हाल ही में सरकार को फटकार लगाई थी और चुनाव आयोग से जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे. अब संभावना है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान 7-10 दिनों में हो सकता है और मतदान अक्टूबर-नवंबर में कराए जा सकते हैं.
