उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, जबकि विपक्ष की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनाया गया है. विपक्षी उम्मीदवार के चयन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
“नक्सल समर्थक को उम्मीदवार बनाना दुर्भाग्यपूर्ण”– शाह
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार चुना है, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यदि सुदर्शन रेड्डी का 2011 का फैसला न आया होता, तो देश से नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो सकता था.
क्या था सलवा जुडूम मामला?
जस्टिस रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में 2011 में दिए फैसले में कहा था कि माओवादियों के खिलाफ आदिवासियों को हथियारबंद करना और उन्हें विशेष बलों में शामिल करना असंवैधानिक है. उन्होंने सलवा जुडूम जैसे संगठनों को गैरकानूनी करार दिया और आदिवासी युवाओं को अविलंब निरस्त्र करने का आदेश दिया था.
“क्या जेल से चलनी चाहिए सरकार?”
अमित शाह ने हाल में संसद में लाए गए भ्रष्टाचार विरोधी विधेयकों का हवाला देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और पूछा, “क्या देश की जनता चाहती है कि प्रधानमंत्री जेल से सरकार चलाएं?” उन्होंने कहा कि ये सवाल अब नैतिकता से जुड़ा है, और यह सोच भी नहीं थी कि कभी ऐसा दिन आएगा जब जेल में रहने वाला व्यक्ति सार्वजनिक पद पर बना रहेगा.
