बॉम्बे हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी’ को लेकर बड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने कहा है कि वह खुद फिल्म देखकर ही इस पर अंतिम फैसला लेगा. यह निर्णय फिल्म के निर्माताओं द्वारा दायर उस याचिका के सिलसिले में आया है, जिसमें उन्होंने सेंसर बोर्ड (CBFC) द्वारा प्रमाणन से इनकार किए जाने को चुनौती दी है.
कोर्ट खुद देखेगी फिल्म
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की बेंच ने निर्देश दिया कि फिल्म की एक प्रति कोर्ट में जमा की जाए, जिसमें CBFC द्वारा उठाई गई आपत्तियों को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया हो. यह फिल्म योगी आदित्यनाथ पर लिखी गई किताब ‘द मोंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ से प्रेरित है.
CBFC की आपत्तियां और विवाद
CBFC की एग्जामिनिंग कमेटी ने फिल्म में कुल 29 आपत्तियां जताई थीं. हालांकि, निर्माताओं की ओर से समय पर कोई संशोधन नहीं किया गया. बाद में रिवाइजिंग कमेटी ने कुछ आपत्तियां हटाईं लेकिन अंततः 17 अगस्त को प्रमाणन देने से मना कर दिया. निर्माताओं का कहना है कि CBFC ने उन्हें फिल्म जारी करने से पहले योगी आदित्यनाथ से NOC लेने को कहा, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है.
क्या है अगला कदम?
अब कोर्ट सप्ताहांत में फिल्म देखेगा और सोमवार को फैसला सुनाएगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट CBFC के निर्णय को बरकरार रखता है या फिल्म को प्रमाणन के लिए हरी झंडी देता है.
