पिछले एक दशक में भारत ने मोबाइल फोन निर्माण और निर्यात के क्षेत्र में जबरदस्त उछाल दर्ज किया है. केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी कि 2014-15 में जहां मोबाइल फोन का निर्यात महज ₹0.01 लाख करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. यानी, देश का मोबाइल एक्सपोर्ट 127 गुना तक बढ़ा है. इसी तरह, मोबाइल फोन निर्माण का दायरा भी तेजी से फैला है. 2014-15 में मोबाइल उत्पादन ₹0.18 लाख करोड़ के आसपास था, जो अब ₹5.5 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है. यह 28 गुना वृद्धि दर्शाता है.
देश में निर्माण इकाइयों में भी हुआ बड़ा इजाफा
जहां 2014 में देश में केवल 2 मोबाइल निर्माण यूनिट्स थीं, आज उनकी संख्या 300 से अधिक हो चुकी है. एक समय भारत अपनी मोबाइल जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात करता था, लेकिन अब सिर्फ 0.02% मोबाइल फोन ही विदेशों से मंगाए जाते हैं.
सरकारी योजनाओं का असर
सरकार ने इस प्रगति का श्रेय ‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’, और PLI स्कीम, EMC 2.0, SPECS जैसी योजनाओं को दिया है. इन पहलों से अब तक लगभग 25 लाख रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी जबरदस्त विकास
मोबाइल फोन के साथ-साथ कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण भी ₹1.9 लाख करोड़ से बढ़कर ₹11.3 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जबकि निर्यात में 8 गुना वृद्धि दर्ज की गई है और यह अब ₹3.3 लाख करोड़ हो चुका है. भारत अब वैश्विक स्तर पर एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में उभर रहा है.
