डिजिटल इंडिया को और मजबूती देते हुए केंद्र सरकार ने दोहराया है कि UPI ट्रांजैक्शन पर कोई भी चार्ज नहीं लिया जाएगा। बार-बार सामने आने वाली अफवाहों पर रोक लगाते हुए सरकार ने कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पूरी तरह निशुल्क रहेगा।
यूपीआई की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट नेटवर्क बन चुका है।
सिर्फ 2 अगस्त 2025 को ही 707 मिलियन से ज़्यादा यूपीआई लेनदेन हुए, जो अमेरिका की कुल आबादी से भी ज़्यादा है।
लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10A के अनुसार किसी भी बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता को यूपीआई या रूपे डेबिट कार्ड के जरिये किए गए भुगतान पर शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं है।
सरकार ने यूपीआई इकोसिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक 8,730 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन भी दिया है।
आँकड़े बताते हैं कि:
- यूपीआई ट्रांजैक्शन 2017-18 के 92 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 18,587 करोड़ तक पहुँच गए।
- इसी अवधि में ट्रांजैक्शन वैल्यू 1.10 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपये हो गई।
- जुलाई 2025 में पहली बार एक ही महीने में 1,946.79 करोड़ से ज़्यादा UPI ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए।