मुंबई, 2 अगस्त 2025 – देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में से एक, आईआईटी बॉम्बे से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। यहां मेटा साइंस विभाग के चौथे वर्ष के छात्र रोहित सिन्हा ने गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। 26 वर्षीय रोहित मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले थे।
घटना रात करीब 2:30 बजे की बताई जा रही है, जब रोहित ने पवई स्थित हॉस्टल की छत से कूदकर अपनी जान दे दी। उसी समय छत पर मौजूद एक अन्य छात्र ने शोर मचाकर मदद बुलाई। रोहित को तुरंत पास के हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट नहीं मिला, जांच जारी
सूचना मिलते ही पवई पुलिस मौके पर पहुंची और आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (ADR) दर्ज की गई। पुलिस इस आत्महत्या की वजह जानने के लिए गहन जांच कर रही है। अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस रोहित के दोस्तों, सहपाठियों और परिजनों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया।
संस्थान में शोक की लहर, काउंसलिंग की व्यवस्था
इस दुखद घटना के बाद आईआईटी बॉम्बे के पूरे परिसर में शोक और सन्नाटा पसर गया है। छात्र, शिक्षक और कर्मचारी सभी सदमे में हैं। संस्थान की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन प्रशासन ने छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और काउंसलिंग उपलब्ध कराने की बात कही है।
पढ़ाई का दबाव या मानसिक तनाव?
पुलिस और विशेषज्ञ दोनों यह जांच रहे हैं कि कहीं शैक्षणिक दबाव, व्यक्तिगत परेशानियां या मानसिक तनाव इस घटना की वजह तो नहीं बने। छात्र का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और डिजिटल उपकरणों की जांच भी की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं संस्थानों को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त और सुलभ बनाने की आवश्यकता है। छात्रों को लगातार काउंसलिंग, सहारा और समझ की जरूरत होती है ताकि वे तनाव से जूझने में अकेले न पड़ें।