केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम करदाताओं को राहत देने वाला बड़ा कदम उठाया है. वित्त मंत्री ने 166वें इनकम टैक्स दिवस पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को निर्देश दिया है कि 60 लाख से 5 करोड़ रुपये तक की राशि से जुड़े छोटे-छोटे सभी टैक्स मामलों को तीन महीने के भीतर वापस लिया जाए. वित्त मंत्री का कहना है इसकी वजह से जहां आम करदाताओं को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में भी मदद मिलेगी.
इस वर्ष के बजट में पेश की गई संशोधित सीमा का उद्देश्य कम मूल्य के विवादों को उच्च न्यायालयों तक पहुँचने से रोकना है. अद्यतन सीमाओं के अनुसार, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के लिए विभागीय अपीलों की न्यूनतम राशि बढ़ाकर 60 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए 2 करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 5 करोड़ रुपये कर दी गई है। ये नई सीमाएँ क्रमशः 50 लाख रुपये, 1 करोड़ रुपये और 2 करोड़ रुपये की पिछली सीमाओं से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है.
इन परिवर्तनों के कार्यान्वयन के बाद, विभाग द्वारा लगभग 4,605 अपीलें पहले ही वापस ले ली गई हैं, तथा अतिरिक्त 3,120 अपीलें दायर ही नहीं की गईं, क्योंकि वे अब संशोधित सीमा को पूरा नहीं करती थीं. 24 जुलाई को 166वें आयकर दिवस समारोह में बोलते हुए, सीतारमण ने नीति निर्माण की तुलना में क्रियान्वयन के महत्व पर ज़ोर दिया. उन्होंने कर अधिकारियों से कहा केवल अच्छी नीतियाँ ही पर्याप्त नहीं है. समय पर क्रियान्वयन ही मायने रखता है. उन्होंने विवादित कर मांगों के त्वरित समाधान, विभागीय प्रदर्शन की क्षेत्रवार समीक्षा और करदाताओं की शिकायतों के बेहतर समाधान का भी आह्वान किया.
