समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतदाताओं के सत्यापन वाली योजना को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन ‘स्वयंसेवकों’ की पहचान उजागर की जाए जिनको बिहार और बंगाल में मतदाताओं के सत्यापन में लगाने की योजना रची जा रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है.
अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा, सबसे पहले उन ‘स्वयंसेवकों’ की पहचान उजागर की जाए जिनको बिहार व बंगाल में मतदाताओं के सत्यापन में लगाने की योजना रची जा रही है. यह सुनिश्चित किया जाए कि वो ‘स्वयंसेवक’ सत्ता पक्ष और उनके संगी-साथी से संबंधित किसी भी संगठन, मुख्यालय या शाखा से जुड़े हुए लोग नहीं हैं. उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स की छानबीन करके ये निश्चित किया जाए कि वो किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध लोग नहीं हैं.
संदिग्ध स्वयंसेवकों को किसी भी सूरत में इस जालसाज़ी का हिस्सा न बनने दिया जाए, चाहे इसके लिए कोर्ट का दरवाज़ा ही क्यों न खटखटाना पड़े. माना कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण का अधिकार है लेकिन ये कहीं नहीं लिखा है और न ही इसका कहीं कोई उदाहरण है कि उसमें आम लोगों को इस तरह ‘स्वयंसेवक’ बनाया जाएगा.
जो मतदाता सूची पिछले जून में सही थी, वो इस जून में गलत कैसे हो सकती है. सत्तापक्ष हार के डर से ऐसा कर रहा है लेकिन बिहार, प. बंगाल और कल को उप्र में इस चालबाज़ी से भले कुछ वोट कम हो जाएं लेकिन भाजपा हारेगी और हमेशा के लिए हारेगी. पराजय का डर ही षड्यंत्र रचता है. निंदनीय कृत्य!.
