केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कल यानी बुधवार को जाति जनगणना करवाने का फैसला लिया गया. इसके बाद से पूरे देश में सियासी हलचल तेज है. विपक्षी पार्टियां सरकार के इस फैसले को अपनी जीत बता रही हैं. उनका कहना है कि विपक्ष लगातार इसको लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहा था,तब जाकर केंद्र ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया.
इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जाति जनगणना विपक्ष और पीडीए समाज की बड़ी जीत है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जाति जनगणना का फ़ैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है. हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है.
भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे. एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे. ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम. भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा. संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है. ये INDIA की जीत है!
