जम्मू, 12 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सेना और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन छत्रू’ में अब तक तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है। शनिवार को मुठभेड़ के दौरान दो और आतंकवादी मारे गए, जबकि शुक्रवार को एक आतंकवादी को ढेर किया गया था। सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने जानकारी दी कि मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, एक एम4 राइफल समेत भारी मात्रा में युद्ध सामग्री बरामद की गई है।
सेना ने बताया कि यह अभियान खराब मौसम और दुर्गम बर्फीले इलाके में जारी है। शनिवार को मारे गए आतंकवादियों की पहचान पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों के रूप में हुई है, जिनमें से एक की पहचान सैफुल्ला के रूप में हुई है, जो चेनाब घाटी क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से सक्रिय था। सैफुल्ला 15 जुलाई 2024 को डोडा में सेना की एक टीम पर हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसमें एक अधिकारी और एक राइफलमैन शहीद हो गए थे।
इससे पहले बुधवार को छत्रू के नायदगाम क्षेत्र में आतंकियों के साथ गोलीबारी हुई थी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था। अभियान अभी भी जारी है।
उधमपुर और डोडा में भी आतंकवादियों की तलाश जारी
उधर, उधमपुर जिले के बसंतगढ़ और रामनगर क्षेत्रों में तीन आतंकवादियों के एक अन्य समूह की तलाश के लिए अलग से अभियान चलाया जा रहा है। डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है ताकि इन आतंकवादियों की हरकतों पर नज़र रखी जा सके। किश्तवाड़-डोडा-रामबन रेंज के डीआईजी श्रीधर पाटिल के अनुसार, पिछले तीन दिनों से यह अभियान लगातार जारी है।
अखनूर सेक्टर में मुठभेड़, एक जेसीओ शहीद
इस बीच जम्मू के अखनूर सेक्टर में एलओसी के पास आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया। शुक्रवार देर रात केरी भट्टल क्षेत्र में आतंकियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि सेना के सतर्क जवानों ने आतंकियों को चुनौती दी, जिसके बाद देर रात तक गोलीबारी जारी रही।
सेना और अन्य सुरक्षा बल इन अभियानों के जरिए जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में आतंकवाद के नेटवर्क को समाप्त करने में जुटे हुए हैं।