वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक ने कानून की शक्ल ले ली है. लेकिन मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों के द्वारा लगातार इस विरोध किया जा रहा है. इसी के चलते इस एक्ट के खिलाफ कुल 14 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं. इन याचिकाओं को पर 15 अप्रैल को सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हो सकती है.
इन लोगों और संगठनों ने दायर की याचिका
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ सबसे पहले कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद, असदुद्दीन ओवैसी, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एनजीओ, आम आदमी पार्टी से अमानतुल्लाह खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद से मौलाना अरशद मदनी, समस्थ केरल जमीयतुल उलेमा तैय्यब खान सलमानी, अंजुम कादरी (एक्टिविस्ट), ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड SDPIIUML, DMK, कांग्रेस पार्टी से सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, RJD की तरफ से सांसद मनोज झा और फैयाज अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
