वक्फ़ संशोधन बिल संसद में पेश, मुसलमानों को सरकार ने दिए 5 भरोसे

लोकसभा में आज यानी बुधवार को लोकसबा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के बाद इस सदन में चर्चा के लिए पेश किया. इस विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया गया है. लेकिन विपक्ष ने चर्चा के समय को बढ़ाकरक 12 घंटे करने की. बिल पेश करने के दौरान सदन में हंगामा देखने को मिला.

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बिल पेश करने के दौरान मुसलमानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि किसी भी मस्जिद पर कोई कार्रवाई का प्रावधान इस बिल में नहीं है. ये सिर्फ संपत्ति का मामला है धार्मिक संस्थानों से इस बिल का कोई लेना देना नहीं है.

सरकार ने बताया कि वक्फ संशोधन बिल में किसी भी धार्मिक स्थल-मस्जिद की व्यवस्था में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है. इसमें कोई बदलाव न ही कोई हस्तक्षेप किया जाएगा.

रिजिजू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल में किसी भी धार्मिक कार्य कलाप में हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है. हम किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप करने नहीं जा रहे हैं.वक्फ बोर्ड कानून के दायरे में होगा, इसमें कुछ भी कानून के उलट नहीं किया जाएगा.

कलेक्टर से ऊपर कोई भी अधिकारी सरकारी जमीन और किसी विवादित जमीन का विवाद देखेगा. जब वक्फ प्रॉपर्टी क्रिएट करेंगे तो किसी आदिवासी एरिया में जाकर नहीं कर सकते हैं. यह बदलाव अहम है. किसी भी मस्जिद को कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं है. सरकार ने बताया कि इस बिल में मस्जिद के मैनेजमेंट में दखलंदाजी का प्रावधान नहीं कर रहे हैं.

सरकार ने वादा किया कि Centre of council में कुल 22 सदस्यों में 4 सदस्य गैर-मुसलमानों से ज्यादा नहीं हो सकते हैं. पूर्व अधिकारियों सहित संसद के 3 सदस्य चुने जाएंगे. संसद के सदस्य किसी भी धर्म के हो सकते हैं.

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