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शंभू-खनौरी बॉर्डर से हटाए जाने के विरोध में देशभर में किसानों का प्रदर्शन

पंजाब पुलिस द्वारा किसानों को शंभू और खनौरी बॉर्डर से जहरन हटाए जाने के विरोध में आज पूरे देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. किसान नेताओं ने शुक्रवार को जिला स्तर पर डीसी ऑफिसों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया. जबकि इसके बाद 31 मार्च को पंजाब सरकार के मंत्रियों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.

किसान नेताओं ने कहा कि 19 मार्च को पंजाब सरकार के निर्देश पर पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को खदेड़ा और बड़े किसान नेताओं को हिरासत में लिया, इस कार्रवाई को उन्होंने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इससे पूरे पंजाब में किसान आंदोलन और तेज हो गया.

किसान नेताओं ने यह भी बताया कि जब किसानों को शंभू और खनौरी बॉर्डर से भगाया गया, तो वहां किसानों का करोड़ों रुपये का सामान मौजूद था, जिसमें कीमती ट्रालियां और अन्य जरूरी सामान भी शामिल थे, जो अब तक गायब हैं. पंजाब सरकार को इस नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने यह मांग की कि सरकार किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करे.

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेरबाला ने कहा कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह से संवैधानिक था. अगर यह आंदोलन गैर-संवैधानिक होता, तो पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा क्यों दिया? उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जब किसान आंदोलनों में घायल हुए, तो सरकार ने उन्हें मुआवजा भी दिया. हमारा यह घर-घर का आंदोलन है और जब तक उनकी 12 प्रमुख मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

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