ज्ञानेश कुमार की सीईसी नियुक्ति पर कॉन्ग्रेस का विरोध, राहुल गाँधी ने जताई आपत्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया है। वे 18 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे राजीव कुमार की जगह लेंगे। इस नियुक्ति पर कॉन्ग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने इसे लेकर विवादित बयान दिया और ज्ञानेश कुमार को ‘कव्वाली’ वाला तक कह दिया।

राहुल गाँधी की आपत्ति

चयन समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी शामिल थे। राहुल गाँधी ने इस चयन प्रक्रिया का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका का हवाला देते हुए नियुक्ति स्थगित करने की माँग की। उनका कहना था कि जब तक शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर निर्णय नहीं ले लेती, तब तक नया सीईसी नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए था।

कॉन्ग्रेस का विरोध क्यों?

पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नया कानून पारित किया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से हटा दिया गया। पहले, यह नियुक्ति सीनियरिटी के आधार पर होती थी और चयन प्रक्रिया में CJI भी शामिल होते थे। इस बदलाव को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है।

कॉन्ग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जब यह मामला 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाना है, तो सरकार को इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।

कौन हैं ज्ञानेश कुमार?

ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं और उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग तथा हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स में विशेषज्ञता हासिल की है। अपने करियर में वे केरल सरकार और भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। 14 मार्च 2024 को वे भारत निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए थे।

महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस नेता का विवादित बयान

महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “शेरो-शायरी (राजीव कुमार) वाला गया और कव्वाली वाला (ज्ञानेश कुमार) आया।” उन्होंने आरोप लगाया कि चयनित नाम सरकार के हिसाब से काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले यह नियुक्ति गलत है और अदालत के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए था।

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