डिजिटलाइजेशन के युग में हम लोग सोशल मीडिया पर सर्च कर कोई भी जानकारी आसानी से एक क्लिक में पा सकते हैं. कई बार हम लोग ऐसी चीजों के बारे में सर्च करते हैं जो क्राइम की श्रेणी में आती हैं. ऐसे में हम आपको उन चीजों के बारे में बताएंगे जिन्हें इंटरनेट पर सर्च करना अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए आपको भारतीय न्याय सहिंता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत सजा हो सकती है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 294 के तहत अश्लील सामग्री के प्रसार या बिक्री को अपराध माना गया है और इस पर कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे मामले में पहली बार दोषी पाए जाने पर दो साल तक की कैद और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, दूसरी बार दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की कैद और दस हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
साइबर अपराधों से निपटने के लिए आईटी एक्ट 2000 है. इसके तहत अगर आप गूगल पर ऐसी गतिविधि करते हैं, जो समाज के लिए खतरा है तो आपको जेल हो सकती है.
अगर आप ड्रग्स, हथियार या किसी अवैध चीज की खरीदारी से जुड़ी जानकारी खोजते हैं तो यह गैरकानूनी है. अगर आप किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर, घर का पता और बैंक डिटेल्स निकालने की कोशिश करते हैं, तो भी आपको जेल हो सकती है.
आईटी एक्ट में जुर्माने से लेकर उम्र कैद तक का प्रावधान है. चाइल्ट पोर्नोग्राफी पर पांच से सात साल की जेल या दस लाख का का जुर्माना हो सकता है. वहीं, साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों में उम्र कैद की सजा का भी प्रावधान है.
