अब ठेकेदार को रखने होंगे अपने इंजीनियर, काम में देरी पर होगी कार्रवाई

हिमाचल में 10 करोड़ से ज्यादा काम करने वाले ठेकेदारों को अब साइट पर अपने इंजीनियर रखने होंगे। भवनों या सड़कों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए लैब का होना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही निर्माण सामग्री को इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। ठेकेदारों को तीन से ज्यादा काम नहीं मिलेंगे। टेंडर की शर्तों के मुताबिक काम करना होगा। काम में देरी करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी। लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारों को निर्माण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।हिमाचल में अरबों रुपये के काम चल रहे हैं। इनमें भवन, सड़कें, डंगे, रेलिंग, फुटपाथ आदि शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग की ओर से हर महीने करोड़ों के टेंडर लगाए जा रहे हैं। इसमें यह देखने में आया है कि ठेकेदारों ने तीन से ज्यादा काम पकड़े हैं।

इसके बाद भी ऑनलाइन टेंडर के लिए आवेदन किया रहा है। न तो पहले का काम निर्धारित समय में पूरा किया जा रहा है और न ही अगला काम शुरू किया जा रहा है। विधायक और क्षेत्र के लोग काम न होने को लेकर सरकार को शिकायतें कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने निर्धारित समय में काम पूरा करने के लिए कहा है। बड़े प्रोजेक्टों के लिए क्लास वन ठेकेदारों के लिए मौके पर अपना इंजीनियर रखना अनिवार्य कर दिया गया है। ये इंजीनियर समय-समय पर कार्य की निगरानी करते करेंगे। लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर या सहायक अभियंता को भी मौके पर रहने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि काम की गुणवत्ता को लेकर ये निर्देश दिए गए हैं। ठेकेदारों को समय पर काम पूरा करने को कहा गया है। ठेकेदार के इंजीनियर और विभाग के इंजीनियर भी मौके पर रहेंगे।

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