समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे को लेकर योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो सरकार महाकुंभ जैसे आयोजन का सही ढंग से प्रबंधन नहीं कर पाई, वह कैसे एक विकसित भारत का निर्माण कर सकती है। बजट के बाद अखिलेश ने भाजपा सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाए और कहा कि ये आंकड़े झूठे हैं।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार ने 40 करोड़ लोगों को कुंभ में बुलाने का लक्ष्य रखा था और दावा किया था कि यह डिजिटल महाकुंभ होगा, जिसमें सीसीटीवी और ड्रोन का उपयोग होगा। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये बातें सही थीं और क्या सरकार को इसकी जानकारी नहीं थी? उनके अनुसार, सरकार केवल लोगों को बुलाने में लगी रही, जबकि उचित इंतजामों की कोई कमी रही।
उन्होंने कहा कि कुंभ में हुईं कई मौतें महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सरकार इनकी लिस्ट भी सार्वजनिक नहीं कर रही है। खासतौर पर उन लोगों की जिनको निमंत्रण नहीं मिला था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य जैसे धर्मगुरु भी सरकार के रवैये से नाखुश हैं और कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका कहना था कि कुंभ का आयोजन सेना के हवाले किया जाना चाहिए था ताकि सुरक्षा और प्रबंधन बेहतर तरीके से हो पाता।
