न्यूज़ फ्लिक्स भारत। राजस्थान के अजमेर में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. हाल ही में एक याचिका दायर की गई, जिसमें दरगाह को एक प्राचीन हिंदू मंदिर बताया गया है. याचिकाकर्ता का दावा है कि दरगाह, जो सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का मकबरा है, असल में एक प्राचीन हिंदू मंदिर था जिसे बाद में दरगाह में परिवर्तित कर दिया गया. यह मामला अब कोर्ट में पहुंच चुका है. स्थानीय सिविल कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनके पास ऐतिहासिक और पुरातात्विक सबूत हैं जो इस दावे को प्रमाणित करते हैं.
वहीं, दरगाह कमेटी और मुस्लिम समुदाय के कई प्रतिनिधियों ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि यह मामला धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास है और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख तय की है. इस विवाद ने धार्मिक और सामाजिक स्तर पर बहस छेड़ दी है, जबकि अजमेर शरीफ दरगाह हर धर्म और समुदाय के श्रद्धालुओं के बीच एकता का प्रतीक मानी जाती रही है.
