न्यूज़ फ्लिक्स भारत। केंद्र सरकार ने देशभर के छात्रों को बड़ी सौगात दी है. सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम को हरी झंडी दे दी है. मोदी सरकार आने वाले तीन सालों में छह हजार करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च करेगी. वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम से शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा. इस पहल का उद्देश्य देशभर के छात्रों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स और शोध पत्रिकाओं तक एकीकृत और मुफ्त पहुंच प्रदान करना है.
इस स्कीम के तहत, केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय पब्लिशिंग हाउस के साथ एक राष्ट्रीय सब्सक्रिप्शन समझौता करेगी. इससे देश के किसी भी हिस्से में उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों में अध्ययनरत लोग बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के इन संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे.
‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ स्कीम का लाभ विशेष रूप से उन छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा, जिनके पास आर्थिक सीमितताओं के कारण महंगे जर्नल्स तक पहुंच नहीं थी. यह स्कीम न केवल शिक्षा और शोध के क्षेत्र में समानता सुनिश्चित करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक ज्ञान और अनुसंधान का केंद्र बनाने में भी मददगार साबित होगी.
इस योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों एचईआई और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा. इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं, जो लगभग 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बराबर हैं, जो संभावित रूप से इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.
सरकार का मानना है कि इस पहल से देश में नवाचार और खोज को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही, यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने और “डिजिटल इंडिया” मिशन को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस स्कीम के कार्यान्वयन से भारत में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने की संभावना है.