न्यूज़ फिल्क्स भारत। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एचपीटीडीसी (हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम) के घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने के एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति राकेश कैथला की खंडपीठ ने यह आदेश उस मामले में सुनवाई के बाद दिया, जिसमें पर्यटन निगम ने सेवानिवृत्ति लाभ में देरी से संबंधित मुद्दे पर अपनी अपील की थी।
निगम ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को उनके सेवानिवृत्ति लाभ की पूरी राशि 10 दिनों के भीतर और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 60 से 65 फीसदी लाभ एक महीने के भीतर प्रदान कर दिया जाएगा। इसके आधार पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2024 को तय की।
यह आदेश एचपीटीडीसी के लिए एक राहत लेकर आया, क्योंकि एकल पीठ ने 22 नवंबर को 18 होटलों में से 9 को 31 मार्च 2025 तक चलाने की सशर्त अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर इन होटलों ने मार्च 2025 तक लाभ नहीं दिखाया तो इन आदेशों की समीक्षा की जाएगी। जिन होटलों को चलाने की अनुमति दी गई थी, उनमें द पैलेस होटल चायल, होटल चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल कुंजुम मनाली और होटल द कैसल नग्गर शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि 19 नवंबर को एकल पीठ ने घाटे में चल रहे एचपीटीडीसी के 18 होटलों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया था। जिन होटलों को बंद करने का आदेश दिया गया था, उनमें होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल सरवरी कुल्लू, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, और होटल शिवालिक परवाणू शामिल थे।
एचपीटीडीसी को अब इन होटलों के संचालन के मामले में राहत मिली है और कोर्ट ने अगले कुछ महीनों में इन होटलों के प्रदर्शन पर नजर रखने की बात भी कही है।
