पाकिस्तान में AQI 2000 के पार, पंजाब के 7 शहरों में लगा लॉकडाउन, हवा बनी दमघोंटू

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जहां मुल्तान और लाहौर समेत कई शहरों में एक्यूआई 2000 के पार जा चुका है। शनिवार सुबह एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसी IQAir के मुताबिक मुल्तान में AQI 2135 दर्ज किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में दृश्यता बेहद कम हो गई है और हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सरकार ने लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी है। बढ़ते प्रदूषण को काबू में लाने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, हालांकि प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है।

सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध

पंजाब सरकार ने हाई अलर्ट जारी करते हुए पार्कों, चिड़ियाघरों, खेल के मैदानों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। स्कूलों को बंद करने के बाद अब विश्वविद्यालयों को भी अस्थायी रूप से बंद करने की योजना पर विचार किया जा रहा है, और संभावना है कि सोमवार से विश्वविद्यालय बंद कर दिए जाएंगे।

इन शहरों में पूर्ण प्रतिबंध

डॉन समाचार पत्र के अनुसार, मुल्तान, लाहौर, ननकाना साहिब, गुजरांवाला, सियालकोट, फैसलाबाद, चिनियट और झंग जैसे शहरों में सार्वजनिक पार्क, चिड़ियाघर, स्मारक, संग्रहालय, और खेल के मैदानों में लोगों के प्रवेश पर ‘पूर्ण प्रतिबंध’ लगा दिया गया है। सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए चेतावनी दी है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पाकिस्तानी दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण के चलते पंजाब के 18 जिलों में पहले ही सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

स्मॉग वॉर रूम की स्थापना

गंभीर प्रदूषण से निपटने के लिए पंजाब प्रांत ने “स्मॉग वॉर रूम” की स्थापना की है, जिसमें आठ विभागों के कर्मचारी मिलकर काम करेंगे। यह वॉर रूम कृषि अपशिष्ट जलाने से लेकर यातायात प्रबंधन तक की निगरानी करेगा। अधिकारियों ने बताया कि दिन में दो बार बैठकें होंगी, जिसमें प्रदूषण से निपटने के उपायों की समीक्षा की जाएगी और डेटा व पूर्वानुमानों का विश्लेषण किया जाएगा। कृत्रिम वर्षा कराने पर भी विचार किया जा रहा है।

सांस लेना हुआ मुश्किल, स्वास्थ्य संकट की चेतावनी

भयंकर प्रदूषण के चलते पंजाब के इन शहरों में जीवन सामान्य से दूर है। सरकार ने सभी नागरिकों से प्रदूषण से बचने के लिए घरों में ही रहने और सावधानी बरतने का आग्रह किया है, जबकि विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य संकट के रूप में देखा है।