‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, था और रहेगा’: BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने UN सत्र में पाकिस्तान की आलोचना की

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) सत्र के दौरान पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा शांति सैनिकों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सत्र से भटकने के प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई।

पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया और दावा किया कि 1948 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र ने शांति सैनिक तैनात किए थे। पाकिस्तान ने इसे एक विवादित क्षेत्र के रूप में पेश किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए त्रिवेदी ने ‘उत्तर देने का अधिकार’ (Right of Reply) का प्रयोग किया और स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर “भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।”

त्रिवेदी का बयान:

त्रिवेदी ने कहा, “जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में लोकतांत्रिक चुनाव संपन्न हुए हैं और वहां की जनता ने अपने चुनावी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए नई सरकार का चुनाव किया है।

बीजेपी प्रवक्ता ने पाकिस्तान को तंज करते हुए कहा, “पाकिस्तान को बयानबाजी और झूठ से बाज आना चाहिए क्योंकि इससे तथ्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत किसी भी प्रकार की झूठी बयानबाजी का जवाब देने का अधिकार रखता है, लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र के मंच को पाकिस्तान द्वारा अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।”

पाकिस्तान को फटकार:

त्रिवेदी ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि “संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के मुद्दे पर पाकिस्तान का कोई भी बेतुका दावा केवल इस मंच का दुरुपयोग है।” उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह इस तरह की बयानबाजी और झूठे आरोपों से दूर रहे, क्योंकि इससे कोई तथ्य बदलने वाला नहीं है।

त्रिवेदी की संयुक्त राष्ट्र यात्रा:

सुधांशु त्रिवेदी वर्तमान में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के रूप में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के दौरे पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक निदेशक के साथ बैठक और शांति अभियानों पर चर्चा शामिल थी।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने उन देशों के स्थायी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की जिनका भारत द्वारा वित्तपोषण किया जाता है। त्रिवेदी ने भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की और उन्हें भारत की विदेश नीति के बारे में जानकारी दी।