रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत की तारीफ की, कहा- “भारत है वैश्विक महाशक्ति बनने का हकदार”

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत वैश्विक महाशक्तियों की सूची में शामिल होने का पूरी तरह से हकदार है। पुतिन का यह बयान गुरुवार को रूस के सोची शहर में वल्दाई डिस्कशन क्लब के पूर्ण सत्र के दौरान आया, जहां उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भविष्य के बारे में बात की।

पुतिन ने कहा, “भारत एक महान देश है, और उसकी अर्थव्यवस्था वर्तमान में किसी भी अन्य देश से कहीं अधिक तेजी से बढ़ रही है।” उन्होंने भारत की डेढ़ अरब की आबादी, प्राचीन संस्कृति, और विकास की बेहतरीन संभावनाओं को उजागर करते हुए कहा कि भारत को निस्संदेह वैश्विक महाशक्तियों के समूह में जगह मिलनी चाहिए।

रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत अब दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है, और हर साल लगभग 10 मिलियन लोग इसकी जनसंख्या में जुड़ते हैं। पुतिन ने आगे कहा, “भारत अब आर्थिक विकास में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, और हम भारत के साथ अपने संबंधों को सभी दिशाओं में बढ़ा रहे हैं।”

पुतिन ने रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कहा, “हमारे संबंध अब जिस गति से विकसित हो रहे हैं, वह आज की वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए है। हमारी साझेदारी हर साल कई गुना बढ़ रही है, और इसमें काफी विश्वास भी है।”

भारत-रूस रक्षा संबंधों में मजबूत साझेदारी

पुतिन ने भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को लेकर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ भारत को हथियार नहीं बेचते, बल्कि हम साथ मिलकर उन्हें डिजाइन करते हैं।” उदाहरण के तौर पर, पुतिन ने भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमने ब्रह्मोस मिसाइल को तीन अलग-अलग वातावरणों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाया – हवा, समुद्र और जमीन पर। ये परियोजनाएं भारत की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और जारी रहेंगी।”

पुतिन का यह बयान भारत और रूस के बीच बढ़ते संबंधों की दिशा को भी दर्शाता है, जो न सिर्फ सैन्य सहयोग तक सीमित हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी में भी वृद्धि हो रही है। पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच संबंध अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और व्यापक हो चुके हैं।