आतंकवादियों को मारना नहीं चाहिए…फारूक अब्दुल्ला के बयान पर बवाल

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के हालिया बयान पर राजनीतिक हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की जांच की जानी चाहिए और आतंकवादियों को मारने के बजाय उन्हें पकड़कर पूछताछ करनी चाहिए। उनका यह बयान बडगाम आतंकी हमले के संदर्भ में आया, जिसमें उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या इन हमलों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करना है।

फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणी ने BJP को आक्रामक बना दिया है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि सेना और सुरक्षा बलों को पूरा समर्थन मिलना चाहिए और यह एक तथ्य है कि आतंकवाद पाकिस्तान से आ रहा है।

वहीं, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने अब्दुल्ला के बयान का बचाव किया। शरद पवार ने उन्हें ‘जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा व्यक्तित्व’ बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को उनके बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी “खुफिया ग्रिड में कमी” की बात की, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है।

यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और राजनीतिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद भी उभर रहे हैं।

error: Content is protected !!