राजनीतिक उठापटक से जूझ रहे बांग्लादेश को एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है। अडानी ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी, अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल), ने 84.6 करोड़ डॉलर के बकाया बिल के चलते बांग्लादेश को अपनी बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। इससे पड़ोसी देश पर अंधेरे का संकट मंडराने लगा है।
बांग्लादेशी समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला कि अडानी समूह के बिजली संयंत्र ने गुरुवार रात से बिजली की आपूर्ति कम कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश ने गुरुवार और शुक्रवार के बीच रात में 1,600 मेगावाट से अधिक बिजली की किल्लत की सूचना दी। करीब 1,496 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र से अब केवल 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
बांग्लादेश ने बिल का भुगतान नहीं किया: अडानी ग्रुप
अडानी कंपनी ने कहा कि बांग्लादेश बिजली विकास बोर्ड (पीडीबी) ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा दी है और न ही 84.6 करोड़ डॉलर की बकाया राशि का भुगतान किया है।
एक पीडीबी अधिकारी के हवाले से कहा गया कि पिछले बकाए का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से एपीजेएल पिछले महीनों की तुलना में अधिक शुल्क ले रही है। अधिकारी ने बताया कि पीडीबी हर सप्ताह करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि शुल्क 2.2 करोड़ डॉलर से अधिक है। यही कारण है कि बकाया भुगतान फिर से बढ़ रहा है।
अधिकारी ने अतिरिक्त भुगतान के बारे में बताया कि जब पीडीबी ने पिछले साल फरवरी में कोयले की कीमत को लेकर सवाल उठाए थे, तब एक पूरक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते में अडानी समूह की कंपनी को अन्य कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा लगाए गए दरों से कम कीमतें रखने के लिए बाध्य किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, एक साल के पूरक सौदे की अवधि पूरी होने के बाद अडानी पावर ने फिर से बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के अनुसार शुल्क लेना शुरू कर दिया है। इस स्थिति ने बांग्लादेश के ऊर्जा संकट को और गंभीर बना दिया है, जिससे आम जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।