हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की चुनौतियाँ कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक नई समस्याएँ सरकार की परेशानी बढ़ा रही हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने अब सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष तेज कर दिया है। सोमवार को बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने ‘बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा’ के बैनर तले प्रदर्शन किया। इस मोर्चा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर चलेंगे।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने आरोप लगाया कि बिजली बोर्ड को विघटित कर निजी कंपनियों को सौंपने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में, बिजली बोर्ड से 51 पद समाप्त कर दिए गए हैं, जो सरासर गलत है।
संयुक्त मोर्चा ने इसे बिजली बोर्ड को अस्थिर करने की साजिश करार दिया है। इसके अलावा, बोर्ड से 81 ड्राइवरों को भी नौकरी से हटा दिया गया है, जिसे उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। संयोजक लोकेश ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा बोर्ड के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी भी बिजली बोर्ड के खिलाफ काम कर रही है और उसके द्वारा किए जा रहे सुझाव बोर्ड के हित में नहीं हैं। अब संयुक्त मोर्चा आगामी रणनीति 4 नवंबर को तय करेगा।
बिजली बोर्ड कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:
- 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाए।
- पिछले 10-12 सालों से बिजली बोर्ड की विभिन्न इकाइयों में ड्राइवर के पद पर कार्यरत 81 आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी के आदेश वापस लिए जाएं।
- बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए बिना देरी के पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
- हिमाचल प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों तथा इंजीनियरों के संयुक्त संगठन के बीच 2010 में किए गए एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना से जुड़े द्विपक्षीय समझौतों का अक्षरशः पालन हो। बिना संयुक्त मोर्चा के परामर्श के किसी भी परिसंपत्ति, जैसे लाइन, सब-स्टेशन, और पावर हाउस, को अन्य इकाई को ट्रांसफर न किया जाए।
- एचपीएसईबीएल-एचपीएसएल सेवा समिति द्वारा पहले से अनुमोदित टी-मेट के 1,030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही, बोर्ड में खाली पदों पर भी भर्ती की जाए।
- सातवें वेतन आयोग के अनुसार, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का वेतन और पेंशन का बकाया जारी किया जाए।
- कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभों का भुगतान तुरंत जारी किया जाए।