सड़कों पर उतरे शिक्षित बेरोज़गार युवा, सचिवालय के बाहर किया प्रदर्शन

न्यूज़ फ्लिक्स भारत, हिमाचल। शिमला में शिक्षित बेरोजगार संघ कैबिनेट से स्वीकृत पदों को भरने की मांग, नई भर्तियां निकालने व आऊटसोर्स को बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन देने सचिवालय पहुंचा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के 2 साल के कार्यकाल में 10 हजार से अधिक आऊटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा सरकार टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों को फिर से नियुक्त कर रही है, जबकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने आऊटसोर्स माध्यम से भर्तियां बंद करने का वायदा किया था.

शिक्षित बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है. कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन उनको भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार के समक्ष 8 सूत्रीय मांग पत्र रखा बेरोजगार संघ ने दीपक सानन कमेटी द्वारा दिया गए ऑनलाइन एग्जाम के सुझाव को हटाने की मांग सहित कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पदों को जल्द भरने की मांग भी रखी.

हमीरपुर चयन आयोग में परीक्षाओं में धांधलियों के मामले आने पर प्रदेश सरकार ने चयन आयोग को भंग कर भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की, जिसने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने जैसी कई सिफारिशें की थीं. सरकार ने हमीरपुर चयन आयोग का नाम बदल कर राज्य चयन आयोग कर दिया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाई है. इस कारण युवाओं में आक्रोश है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं. कर्मचारी व पैंशनरों के बाद अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.