बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमख लालू प्रसाद यादव ने सिंगापुर से लौटते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जातिगत जनगणना को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होनें मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, इन आरएसएस और बीजेपी वालों का कान पकड़कर, दंड बैठक कराके इनसे जातिगण जनगणना कराएंगे. इनकी क्या औकात है, जो जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे.“
लालू प्रसाद यादव ने लिखा, “इन्हें इतना मज़बूर करेंगे कि जातिगत जनगणना करनी ही पड़ेगी. दलित, पिछड़े, आदिवासी और ग़रीब की एकता दिखाने का समय अब आ गया है। वहीं, सुनील आंबेकर ने कहा कि इस मामले में आरएसएस टिप्पणी कर चुका है। हिंदू समाज में जाति और जातीय संबंध एक संवेदनशील मुद्दा है. ये राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है. इससे गंभीरता से निपटा जाना चाहिए, ना कि केवल चुनाव या राजनीति के लिए।
आंबेकर ने कहा कि जातिगत जनगणना का इस्तेमाल पिछड़ रहे समुदाय और जातियों के कल्याण के होना चाहिए. उन्होंने कहा इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में नहीं होना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर आरएसएस ने जो कहा उससे कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं, क्या RSS के पास जातिगत जनगणना का निषेधाधिकार है? आरएसएस जातिगत जनगणना पर इजाज़त देने वाला कौन होता है?”