शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार, जो वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही है, ने हाल ही में हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (HPBOCWB) के चेयरमैन नरदेव कंवर की सैलरी में बड़ा इजाफा किया है। अब तक 30,000 रुपये प्रति माह सैलरी पाने वाले चेयरमैन की सैलरी को बढ़ाकर 1,30,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसके अलावा, उन्हें भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
इस सैलरी वृद्धि के कारण सरकार पर सालाना 12 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वहीं, इस समय सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और संशोधित वेतनमान के एरियर का भुगतान करने में असमर्थता जता रही है, जिस कारण सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। सैलरी बढ़ाने के आदेश 30 जुलाई को जारी किए गए थे, लेकिन यह मुद्दा तब सुर्खियों में आया जब कर्मचारियों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर आदेश की कॉपी वायरल कर दी।
इस निर्णय के बाद सुक्खू सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। सरकार ने हाल ही में 125 यूनिट फ्री बिजली और पानी के फ्री बिलों की सुविधा को समाप्त कर आर्थिक संकट से निपटने के लिए कदम उठाए थे। वहीं, अब HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी में भारी बढ़ोतरी ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गौरतलब है कि हिमाचल सरकार इस समय 90 हजार करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूबी हुई है। सरकार ने इसके लिए पूर्व की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि भाजपा ने सुक्खू सरकार पर अनावश्यक खर्च और गैर-जरूरी नियुक्तियों के जरिए खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने भी सवाल उठाया है कि जब सरकार वित्तीय संकट में है, तो सैलरी बढ़ाने के लिए पैसा कहां से आ रहा है? कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान के लिए खजाना खाली है, ऐसे में सैलरी बढ़ोतरी पर सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।