हिमाचल प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, खासकर राजेश धर्माणी के बयान के बाद। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ पहले से ही एरियर और डीए का लाभ ना मिलने को लेकर सरकार से नाराज थे, लेकिन धर्माणी के बयान ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें उन्होंने अपनी मांगों पर चर्चा की मांग की है। महासंघ ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर मंगलवार, 27 अगस्त तक सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया, तो कर्मचारी मॉनसून सत्र के दौरान काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। इसके अलावा, 10 सितंबर से आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी गई है।
कर्मचारी नेता राजेश धर्माणी के बयान से नाराज हैं और उन्होंने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कर्मचारियों ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए कहा है कि जहां उनके लिए पैसे नहीं हैं, वहीं मंत्रियों, सीपीएस, और विभागाध्यक्षों द्वारा बेतरतीब खर्च किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि फिजूलखर्ची और अधिकारियों की नाकामी के कारण ही प्रदेश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
महासंघ ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे विधानसभा सत्र के दौरान काले बिल्ले लगाकर विरोध करेंगे और इसके बाद 10 सितंबर से आंदोलन को और भी तेज करेंगे।