शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोलन मेयर चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान पार्षदों को वोट डालने के बाद ऑब्ज़र्वर को वोट दिखाने का नया नियम पूरी तरह असंवैधानिक है। कांग्रेस, अपनी हार की आशंका से, तानाशाही पर उतर आई है और चुनाव को प्रभावित करने के लिए नए-नए नियम बना रही है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब वोटिंग प्रक्रिया पहले से गोपनीय थी, तो उसे बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी? ठाकुर का आरोप है कि यह कदम पार्षदों को डराने-धमकाने के लिए उठाया गया है, और इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस चुनाव हारने के कगार पर है। उन्होंने याद दिलाया कि इसी तरह की असंवैधानिक गतिविधियां राज्यसभा चुनाव में भी देखी गई थीं, जब कांग्रेस ने अवैध रूप से व्हिप जारी किया था, जिसे भाजपा के विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था।
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश में संविधान की बात करती है, लेकिन जहां उनकी सरकार होती है, वहां संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव करना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है और सुक्खू सरकार सत्ता के बल पर लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिश कर रही है। भाजपा इस तानाशाही को सहन नहीं करेगी और इसे कानून के खिलाफ मानती है।
ठाकुर ने सोलन नगर निगम में तीन रिक्त पार्षद पदों का मुद्दा भी उठाया, जिसमें दो पार्षदों को अयोग्य घोषित किया गया और एक का स्वर्गवास हो गया है। उन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव से पहले इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए ताकि सभी पार्षदों की सहभागिता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी, और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेगी।