सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ के इस फैसले से केंद्र सरकार और माइनिंग कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य सरकारें 1 अप्रैल 2005 से खनिज संपदा पर टैक्स ले सकती हैं, जोकि पिछली तारीख से प्रभावी होगा। इस फैसले से उन राज्यों को बड़ी जीत मिली है जिनके पास खनिज संपदा है, क्योंकि अब वे इस फैसले के आधार पर अपने राजस्व में भारी वृद्धि कर सकेंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार और माइनिंग कंपनियों का तर्क था कि राज्य सरकारें केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख के बाद से ही टैक्स ले सकती हैं, लेकिन राज्यों ने पिछली तारीख से टैक्स की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में राज्यों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2005 से राज्यों को टैक्स लगाने का अधिकार होगा, लेकिन इस पर कोई ब्याज या जुर्माना नहीं लगेगा।
फैसले के अनुसार, राज्य सरकारें 1 अप्रैल 2005 से 12 साल की अवधि के लिए टैक्स ले सकेंगी, और इसका भुगतान 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष से 12 साल की अवधि में किश्तों में किया जा सकेगा। यह फैसला न केवल राज्यों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि माइनिंग कंपनियों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा करेगा।