न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल प्रदेश की लाइफलाइन माने जाने वाली HRTC को आज पुरे 50 हो गए है। प्रदेश के हर छोटे बड़े शहर से लेकर अन्य राज्यों में लोगों को अपनी सेवा दे रहा हिमाचल परिवहन निगम आज के दिन यानी 2 अक्टूबर 1974 को अस्तित्व में आया था। कहा भी जाता है कि हिमाचल में HRTC बस सेवा सभी ग्रामीणों के लिए एक लाइफलाइन सेवा है। वर्ष 1974 से अपने सफर की शुरुआत करने वाले एचआरटीसी को 50 साल पूरे कर लिए है। अब निगम 12 अक्टूबर को इसका जश्न शिमला में स्वर्ण जयंती के रूप में मनाएगा।
निगम के पास 3142 बसों का बेडा-
आपको बतातें चले की वर्तमान में HRTC के प्रदेश में 31 डिपो हैं। वहीँ आंकड़ों की बात करें तो हर दिन हिमाचल की लगभग 10% आबादी HRTC की बसों में सफर करती है। यह भी कहा जा सकता है कि निगम रोजाना करीब 6 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाता है । हिमाचल प्रदेश में निगम करीब 3600 रूट्स पर अपनी बसों को चलाता है , इनमे से 90% रूट्स ऐसे हैं, जिन्हें आर्थिक दृष्टिकोण से घाटे का सौदा माना जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद इसके निगम अपनी सेवाओं को बाधित नहीं करता और जनता की सेवा में तत्पर रहता है। मौजूदा में निगम के पास 3142 बसें है।
ये है इतिहास —
1958 में, “मंडी-कुल्लू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन” की स्थापना पंजाब, हिमाचल और रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी, जो मुख्य रूप से पंजाब और हिमाचल में संयुक्त मार्गों पर संचालित होती थी। 1966 में पंजाब राज्य के पुनर्गठन के बाद, पंजाब के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिला दिया गया। (Mandi Kullu Transport Corporation) के संचालन क्षेत्र पूरी तरह से विस्तारित हिमाचल प्रदेश में आ गए। 2 अक्टूबर 1974 को हिमाचल सरकार की परिवहन सेवाओं का मंडी-कुल्लू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में विलय किया गया और इसका नाम बदलकर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) कर दिया गया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है।