संजौली कॉलेज से 5 छात्र निष्कासित, कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे छात्र

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। राजधानी शिमला स्थित प्रदेश के सेंटर आफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली में कॉलेज प्रशासन ने दो लड़कियों सहित कुल पांच छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया है. निष्कासित छात्र नेताओं का आज से कॉलेज में प्रवेश बंद रहेगा. वहीं, कॉलेज प्रशासन देर रात छात्र नेताओं के निष्कासन की नोटिफिकेशन जारी कर दी है.  कॉलेज प्रिंसिपल के कार्यालय से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार कॉलेज के स्टाफ काउंसिल ( सभी स्टाप सदस्य ) और महिला सेल की सिफारिश पर प्रशासन ने 6 छात्र नेताओं को तत्काल प्रभाव से अनिश्चित कॉल के लिए निष्कासित कर दिया है. प्रिंसिपल ऑफिस से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह अब कॉलेज के छात्र नहीं है कोई भी शिक्षक इनकी हाजरी नहीं लगा पाएंगे और इनका कॉलेज में प्रवेश बंद रहेगा. वहीं, कॉलेज प्रिंसिपल भारती भांगड़ा ने कहा कि कॉलेज परिसर में हंगामा कर रहे छात्र संगठन एसएफआई के छात्रों को निष्कासित कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये छात्र नेता लगातार परिसर में माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं शिक्षकों के साथ बदतमीजी और कॉलेज प्रोफेसर को धमकियां देने में संलिप्त पाए गए हैं. आज से कॉलेज कक्षाएं नियमित चलेगी. कॉलेज परिसर में कोई हंगामा न हो सके इसके लिए पुलिस बुलाई गई है. पहचान पत्र चेक कर करने के बाद ही परिसर में प्रवेश मिलेगा.

ये है पूरा मामला-

कॉलेज की छात्रा ने कॉलेज के ही एक छात्र पर उसको लेकर झूठी अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए महिला सेल से गुरुवार को शिकायत की थी. जिसके बाद कॉलेज प्राचार्य ने मामले की छानबीन करने का आश्वासन दिया और जांच की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने को कहा. लेकिन, SFI कार्यकर्ता आरोपित छात्र के खिलाफ तुरंत एक्शन की मांग पर अड़ गए. SFI इकाई अध्यक्ष प्रवेश ने SFI इकाई संजौली ने कॉलेज प्रशासन पर छात्रा की ओर से महिला सेल को दी गई छेड़छाड़ की शिकायत को दबाने का आरोप लगाया है.  छात्र नेता ने कहा कि गुरुवार को शिकायत के बाद  कॉलेज प्राचार्य ने कमेटी गठित कर जांच और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 10:00 बजे जब एसएफआई का एक प्रतिनिधिमंडल मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन से मिलने गया तो प्रशासन का रवैया नकारात्मक था कॉलेज प्रशासन ने कक्षाएं बंद कर परिसर खाली करवा दिया. एसएफआई ने जब छात्रा के पक्ष में प्रदर्शन करना चाहा तो ऐसा करने से रोका गया. उन्होंने कहा कि इससे जाहिर है की छात्रा के साथ न्याय न कर कॉलेज प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है.